छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाणपत्र के लिये अब 1950 के दस्तावेजों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक में फैसला लिया गया कि अब अगर किसी आवेदक के पास वर्ष 1950 के पहले का राजस्व अथवा अन्य अभिलेख नहीं है तो, ग्राम सभा के अनुमोदन और प्रस्ताव के आधार पर आवेदक को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है. इस संबंध में उससे यह शपथ पत्र लिया जा सकता है कि यदि वह गलत पाया जाएगा तो सारी जिम्मेदारी जाति प्रमाण पत्र प्राप्तकर्ता की होगी.
छत्तीसगढ राज्य के लिए
1. यदि आपके पास 1950 के दस्तावेज नही है तो जाति प्रमाण पत्र के लिए निर्देश
2. सक्षम अधिकारियों के संबंध में निर्देश
मध्यप्रदेश राज्य के लिए
1. जाति प्रमाण पत्र के लिए निर्देश
2. जाति प्रमाण पत्र के लिए नियम
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