नई दिल्ली। आजकल जिस प्रकार से सोशल मीडिया का गला घोटने का सिलसिला चल पड़ा है उसमें फेसबुक ट्विटर ब्लॉग के साथ-साथ गूगल ग्रुप को भी निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में दलित मूमेंट एसोसिएशन गूगल ग्रुप को बंद कर दिया गया। तर्क यह दिया गया कि इसमें दुर्भावना पूर्ण सामग्री थी। किस मेल से या किस सदस्य से आपत्ति है इसका जिक्र नहीं किया गया है।
खास बातें-
- 10 साल से एक्टिव था गूगल ग्रुप
- लोग करते थे सामाजिक मुद्दों पर डिस्कशन
- ग्रुप का ब्लॉग अभी सक्रिय है
- सभी के लिए ओपन थी यह बहस
गूगल ग्रुप डी एम ए विगत 10 सालों से सक्रिय था। इस ग्रुप में करीब 7500 सदस्य जुड़े हुए थे। जिनमें तमाम नामी गिरामी हस्तियों के साथ-साथ, देश विदेश के प्रगतिशील मानवाधिकार मुद्दों से जुड़े हुए व्यक्ति भी शामिल थे।
यह एक बेहद सक्रिय ग्रुप था जिसमें देश विदेश के तमाम मुद्दों पर सार्थक बहस होती थी। अब तक तक़रीबन पांच हजार मुद्दों पर बहस हो चुकी थी। यह बहस गोपनीय न होकर सभी के लिए ओपन थी। आज वे सरे मुद्दे इस ग्रुप से गायब हैं।
इस ग्रुप में कई मीडिया के लोग भी जुड़े हुए थे और वे इस ग्रुप में प्रसारित मुद्दों को प्रकाशित भी करते रहे हैं। कई लेख इसी ग्रुप से मीडिया तक पंहुचे हैं। अब तक इसके बहुत सारे सदस्यों को ये नहीं मालूम की यह ग्रुप बंद हो चुका है।
नेशनल दस्तक से साभार
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