रंगकर्मी श्री रतन गोंडानेजी बता रहे हैं कि उन्हें पढ़ने का ऐसा शौक था कि गरीबी परिस्थिति होने के कारण वह रद्दी की दुकान से किताबें खरीद कर पढ़ा करते थे. वह जबलपुर में रहने के दौरान हरिशंकर परसाई, मलय घोष, कमला प्रसाद जैसे नामी लेखकों के साथ करीबी तालुकात थे.
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