तीसरा मूलनिवासी कला साहित्य एवं फिल्म फेस्टिवल
संजीव खुदशाह
आगामी 29 और 30 सितंबर को भिलाई में मूलनिवासी कला साहित्य एवं फिल्म फेस्टिवल 2018 का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में देश भर से तमाम कला साहित्य और फिल्म जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर उपस्थित होंगे। कई महत्वपूर्ण विषयों पर शोध पत्र पेश किए जाएंगे। मूलनिवासी नायको की जिंदगियों के बारे में आख्यान प्रस्तुत होगा।
इस फेस्टिवल का मकसद मूल निवासियों के कला, साहित्य, की विरासत से नई पीढ़ी से अवगत कराना है तथा हमारे स्वस्थ और सामूहिक जीवनमूल्यों को पुनर्जीवित करना है।
यह कार्यक्रम फेस्टिवल के लिए गठित संयुक्त आयोजन समिति के द्वारा कराया जा रहा है जो कि गैर राजनीतिक संस्थाओं और व्यक्तियों का समूह है।
देश के हृदय स्थल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन 29 सितंबर की सुबह ठीक 9:30 बजे *पद्मश्री जेएम नेलसन* के द्वारा किया जाएगा । उद्घाटन सत्र में ही छायाचित्र, शिल्प कला, पेंटिंग, रंगोली, कविता पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया जाएगा। इसके बाद 11:30 बजे मूलनिवासी थीम पर फेंसी ड्रेस शो, और लोकगीतों का कार्यक्रम किया जाएगा। तत्पश्चात डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन, संत रविदास के पदों का गायन तथा राकेश बोम्बार्डे द्वारा निर्देशित नाटक प्रतिनिधित्व का मंचन होगा। शाम के सत्र मे भारतीय रंगमंच पर फुले अंबेडकरी विचारों का प्रभाव विषय पर सुप्रसिद्ध नाटककार राजेश कुमार जी अपना व्याख्यान देंगे। फेस्टिवल के दूसरे दिन याने 30 सितंबर रविवार को ठीक 9:30 बजे उच्च शिक्षा पर संगोष्ठी के साथ केरियर काउंसलिंग का कार्यक्रम होगा। 11:00 बजे सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता *मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त बेजवाड़ा विल्सन जो कि सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक हैं* द्वारा हाथों से किए जाने वाले श्रम और मूल निवासियों का इतिहास विषय पर संवाद होगा। इसके बाद
युवाओ के शोधपत्रों की प्रस्तुति, नागराज मंजुला की फिल्म फेन्ड्री की स्क्रीनिंग औरअरूणा मेश्राम द्वारा निर्देशित नाटक भ्रांति का मंचन किया जाएगा।
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा अपने विचार सांझा किये जायेंगे।
इस कार्यक्रम में भागीदारी के लिए तमाम मूल निवासी कला, साहित्य और फिल्म प्रेमियों से अपील की गई है।
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