*27% ओबीसी आरक्षण पर रोक लगवाने वाले कुणाल शुक्ला को छत्तीसगढ़ सरकार से पुरस्कार*
RTI एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला को *कबीर विकास संचार संस्थान शोध पीठ* के *अध्यक्ष* नियुक्त किया गया है। यह संस्थान कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कैम्पस में संचालित है।
बता दें कि कुणाल शुक्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने ओबीसी के 27% आरक्षण के विरोध में हाई कोर्ट में अपील किया था और वहां से रोक लगवाई थी।
उनके इस कार्य से खुश होकर छत्तीसगढ़ ब्राह्मण उत्थान सभा ने उनका एक बड़ा सम्मान समारोह भी रायपुर में आयोजित किया था।
अब प्रश्न यह उठता है कि ओबीसी, एससी, एसटी के लिए काम करने का दावा करने वाली भूपेश सरकार क्या वंचित वर्ग को छल रही है ? क्या कबीर पंथी समाज जैसे मानिकपुरी, साहू , सतनामी से कोई भी योग्य व्यक्ति इस पद के लिए नहीं मिला?
इधर ओबीसी समाज अपने बीच का मुख्यमंत्री पाकर फूले नहीं समा रहा है। वहीं दूसरी ओर ओबीसी समाज को मिले आरक्षण पर स्टे करने वाले व्यक्ति को इनाम स्वरूप ऊंचे ऊंचे पदों से नवाजा जा रहा है। अब प्रश्न उठता है कि *क्या इतना सब होने के बावजूद ओबीसी एससी एसटी* समाज *कान में रुई* डाल कर सोता रहेगा या कुंभकरण नींद से जागे का भी?
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