अंधविश्वास की कलई खोलती संजीव खुदशाह की
महत्वपूर्ण पुस्तक - वास्तु शास्त्र की वास्तविकता
विश्वास मेश्राम
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वास्तु शास्त्र की वास्तविकता |
जब डिग्रीधारी पढ़े लिखे लोग
आसानी से अंधविश्वासों की चपेट में आ जाते हैं तो गैर पढ़े लिखे लोगों का तो पूछना
ही क्या ? भारत का बहुसंख्य जनमानस, अपनी
बगैर तर्क वाली विश्वासी परंपरा के कारण आसानी से इसका शिकार हो जाता है। इसका
सबसे ताजा उदाहरण वास्तु शास्त्र है जो लोगों को अपने मकान, दुकान,
दफ्तरों में तोड़फोड़ के लिए उकसाता है और आभासी सुरक्षा प्राप्त
करने के लिए लोग अच्छे खासे भवन को तोड़कर नया निर्माण करने के पीछे भागते हैं,
दक्षिण दिशा में दरवाजे वाला मकान या फ्लैट नहीं खरीदते या अपने बने
बनाए नए घर में रहने नहीं जाते।
साइंस एक्टिविस्ट, लेखक और
डीएमए इंडिया चैनल के संपादक संजीव खुदशाह की इसी वर्ष ताजा ताजा प्रकाशित पुस्तक
"वास्तु शास्त्र की वास्तविकता" हमारे भवनों के बारे में फैले
अंधविश्वासों का न सिर्फ खुलासा करती है बल्कि वह इनके ऐतिहासिक संदर्भों तक जाकर
हमें तथ्यों से अवगत कराती है। इसके लिए संजीव ने बहुत मेहनत कर प्रमाण ढूंढे है।
संजीव का इसे अंधविश्वास
साबित करने का एक बड़ा तर्क यह है कि वास्तुशास्त्र की बुनियाद वर्ण पर टिकी है।
ब्राम्हण वर्ण के लिए वास्तु के नियम पृथक हैं तो क्षत्रिय, वैश्य,
शुद्र और वर्णेतर जातियों के लिए अलग नियम हैं। अब जब पूरी की पूरी
वर्णव्यवस्था ही सामंती अंधविश्वासों पर टिकी है तो उसे आधार मानकर बनाएं हुए नियम
यूनिवर्सल हो ही नहीं सकते। संजीव का तो यहां तक दावा है कि वास्तुशास्त्र वर्तमान
युग में बढ़ती हुई तार्किकता, और ज्ञान विज्ञान के कारण
टूटती जाति व्यवस्था को फिर से कायम करने की असफल कोशिश का नतीजा है।
इसी प्रकार इसके बहुत प्राचीन होने के दावों का
भी संजीव ने पोस्टमार्टम कर इसे अर्वाचीन साबित कर दिखाया है।
वास्तु शास्त्र लोगों में डर का फायदा उठाने के
लिए बनाया गया टूल है। कुछ चालाक और धूर्त किस्म के लोग, आम लोगों को
डराकर उसका फायदा उठाने के लिए वास्तु शास्त्र का प्रचार प्रसार करते हैं। संजीव
की इस मांग से कोई भी तर्कशील व्यक्ति सहमत हो सकता है कि वास्तु शास्त्र का धंधा
करने वाले लोगों को उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में लाने की जरूरत है।
इस पुस्तक को - वास्तु शास्त्र की पड़ताल, वास्तु
शास्त्र क्या है ?, वास्तु शास्त्र
का उद्देश्य, वास्तु के मुख्य स्तंभ - जाति, दिशा और दिवस, वास्तु पुरुष मंडल का अर्थ, वास्तु पुरुष की कहानी, वास्तु पुरुष का अभिप्राय,
विज्ञान की कसौटी - शराब की दुकान , अमेरिका
का व्हाइट हाउस, पुणे का शनिवारवाड़ा और इसे उपभोक्ता
संरक्षण कानून के तहत लाने की जरूरत , अध्यायों में बाटकर
समृद्ध किया गया है।
सम्यक प्रकाशन नई दिल्ली से 2023 में
प्रकाशित संजीव खुदशाह की इस पुस्तक का मूल्य मात्र 50.00 रुपए
है ताकि आम लोग इसे खरीदकर पढ़ सकें और अपने जीवन को वैज्ञानिक सोच के साथ आगे
बढ़ा सके।
समीक्षक
विश्वास मेश्राम
(सेवानिवृत) अपर कलेक्टर एवं
कार्यकारी अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा
पुस्तक प्राप्त करने के लिए सम्यक प्रकाशन नई
दिल्ली में संपर्क करे।
प्रकाशक - सम्यक प्रकाशन SAMYAK PRAKASHAN
32/3 Club Road Paschim Puri Near Madipur Metro Station on Green Line
New Delhi (India) Pin : 110063
Contact No. : +91-9810249452 , +91-9818390161
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