डिजिटल अरेस्ट क्या है?
संजीव
खुदशाह
आज के
आधुनिक दौर में नई-नई तकनीक और आइडिया का उपयोग करके ठग, लोगों को लूट रहे हैं। इन्ही नई तकनीक से आनलाईन डराकर ठगी करने को
डिजिटल अरेस्ट कहते है। डिजिटल अरेस्ट बिल्कुल नया शब्द है। बहुत सारे लोग डिजिटल
अरेस्ट शब्द से वाकिफ नहीं है। लेकिन आए दिन समाचार पत्रों से लेकर सोशल मीडिया
एवं अन्य माध्यमों से यह जानकारी सामने आ रही है कि लोग किस प्रकार डिजिटल अरेस्ट
हो रहे हैं। और अपनी जमा पूंजी से हाथ धो रहे हैं। यह एक प्रकार से ब्लैकमेलिंग का
धंधा है जो कि सामने आए बिना, गुमराह करके आम नागरिक से पैसे
लूटते है। पैसे लूटने के दौरान वह किसी न किसी चीज का डर दिखाते है और पैसे लूटने
की एक ही तकनीक अपनाते हैं वह है ऑनलाइन मनी ट्रांसफर। कई बार व्यक्ति इतना डर
जाता है कि डर के मारे पैसे ठग के बताये अकाउंट में जमा करता है।
डिजिटल
अरेस्ट में किसी शख्स को ऑनलाइन माध्यम से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के
माध्यम से अरेस्ट हो गया है। उसे पेनल्टी या जुर्माना देना होगा। डिजिटल अरेस्ट एक
ऐसा शब्द है जो कानून में नहीं है लेकिन इस तरह के बढ़ते अपराध की वजह से इसका
उद्भव हुआ है। पिछले 3 महीने के दौरान दिल्ली एनसीआर
में डिजिटर अरेस्ट के 600 मामले ऐसे आए हैं जिनमें 400
करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। इसके अलावा कई सारे अनरिपोर्टेड मामले
हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आते हैं जो की सफल नहीं होते हैं। कई मामलों में
पीड़ित डर या शर्म की वजह से अपने ठगे जाने का खुलासा नहीं करता है। डिजिटल अरेस्ट
के संगठित गिरोह का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। इस वजह से डिजिटल अरेस्ट के मामले
बढ़ते जा रहे हैं।
डिजिटल
अरेस्ट कितने प्रकार के होते हैं ?
यदि
डिजिटल अरेस्ट के तरीकों पर जाएं तो करीब 5 या 6 प्रकार के तरीके होते हैं जिसके आधार पर आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता
है।
1. कुरियर के नाम पर - इसमें कहा जाता है कि आपने
जो कुरियर या पार्सल मंगाया था उसमें गैर कानूनी चीज जैसे हथियार या ड्रग्स आदि है।
आप फस गए हो आपको बचाने के लिए हमें आपके बैंक खाते के पासवर्ड देने होंगे या फिर
इतने पैसे ट्रांसफर करने होंगे।
2. बैंक खाते पर ट्रांजैक्शन (मनी लांड्रिंग) -इस
तरीके में कहा जाता है कि आपने मनी लॉन्ड्रिंग की है आपके खाते में बड़े अमाउंट के
बैंक ट्रांजैक्शन दिखा रहे हैं। आप फस जाओगे। आपके खाते में बैंक ट्रांजैक्शन नहीं
होने के बावजूद आपको यकीन दिलाया जाता है कि बैंक ट्रांजैक्शन बड़े अमाउंट का हुआ
है और आपके ऊपर कार्यवाही हो सकती है। बचने के लिए पैसे मांगे जाते हैं।
3. हवाला के नाम पर - यह कहा जाता है कि आपने हवाला
के नाम पर पैसे लिए हैं। अब आप फस गए हो आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई होगी। कार्रवाई
ख़त्म करने के लिए आपको पैसे देने होंगे।
4. धमकी / लालच देकर - आपके निकट के रिश्तेदार अथवा
आपके बच्चों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह कहकर आपको धमकी दी जाती है और
छुड़वाने का लालच देकर पैसे मांगे जाते हैं.
5. इनकम टैक्स के नाम पर - इसमें यह कहा जाता है कि
वह इनकम टैक्स या इ डी डिपार्टमेंट से हैं बाकायदा उनकी ड्रेस भी पहने होते हैं और
इनकम टैक्स का छापा आपके घर में मारेंगे कहकर कार्रवाई से बचने के लिए पैसे मांगे
जाते हैं।
6. अश्लील वीडियो का आरोप – यह कहा जाता है कि आपने डी जी पी की बेटी को अश्लील मैसेज किया है। आपके ऊपर कार्यवाही होगी, गिरफ्तार करके जेल भेजा जायेगा। मामला रफा दफा करने के लिए पैसे देने होगे।
यदि
आपके खाते में पैसे नहीं है फिर भी आप डिजिटल अरेस्ट हो सकते हैं।
कई
लोग यह समझते हैं कि उनके खाते में पैसे नहीं है या बहुत कम पैसे हैं तो वह डिजिटल
अरेस्ट होने से बच सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कई मामले ऐसे सामने आए हैं।
जिसमें डिजिटल अरेस्ट किया गया है और पीड़ित को उनके पैन कार्ड, बैंक के पासवर्ड आदि के आधार पर ऑनलाइन लोन लेकर उनके खाते से करोड़ों
रुपए उड़ाए हैं। इस लोन के पैसे पीड़ित को जमा करना पड़ता हैं ।
डिजिटल
अरेस्ट की शुरुआत कैसे होती है ?
पूरे
स्कैम की शुरुआत एक सरल मैसेज या ईमेल अथवा व्हाट्सएप के संदेश से होती है। जिसमें
दावा किया जाता है कि पीड़ित व्यक्ति किसी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल है।
इसके बाद उसे वीडियो या फोन कॉल करके कुछ खास प्रक्रिया से गुजरने के लिए दबाव
डाला जाता है और पुष्टि के लिए कई तरह की जानकारी मांगी जाती है। ऐसे कॉल करने
वाले खुद को पुलिस, नारकोटिक्स, साइबर सेल, इनकम टैक्स,
सीबीआई या ई डी के अधिकारी होने का दावा करते हैं। वह बाकायदा किसी ऑफिस से
यूनिफॉर्म में कॉल करते हैं। ताकि
आपको शक न हो।
डिजिटल
अरेस्ट से कैसे बचे ?
अपरिचित
कॉल से बचें, किसी संदिग्ध व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी न
दे। सोशल मीडिया में निजी जिन्दगी की जानकारी साझा करने से बचे । यदि आपको ऑनलाइन
डराया धमकाया जाता है तो इसकी जानकारी पुलिस को दें। कोई भी गवर्नमेंट का अधिकारी
ऑनलाइन या वीडियो कॉलिंग करके किसी भी आम जनता को नहीं धमकाता है। न ही उसे पैसे
मांगता है। हर हालत में आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी और पासवर्ड
किसी को न दें। यदि कोई व्यक्ति यह सब जानकारी मांग रहा है। इसका मतलब है कि वह
आपके साथ ठगी करने जा रहा है। क्योंकि बैंक के कर्मचारी अधिकारी यह सब जानकारी फोन
पर नहीं मांगते है। इस तरह आप अपने आपको डिजिटल अरेस्ट होने से बचा सकते है।
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